लर्निंग प्रक्रिया (Learning Process)-
हमारी पांच ज्ञानेन्द्रियाँ (आँख,
कान,
नाक,
जीभ,
त्वचा) शरीर में मौजूद बाहरी रिसेप्टर्स हैं जो दृश्य,
ध्वनि,
गन्ध,
स्वाद,
स्पर्श के रूप
में सूचनाएं ग्रहण करती हैं और ग्रहण की गई सूचना न्युरो-सिगनल के रूप में मस्तिष्क
को भेजती हैं। फिर उन सूचनाओं को मस्तिष्क प्रोसेस करता है। तदुपरांत सूचनाओं की
परिणति
निर्णय एवं याददाश्त के रूप में होती हैं। किसी भी विषय को सीखने के लिए यह
प्रक्रिया बार-बार दुहराई जाती है,
जिससे हमारी लर्निंग पक्की हो जाती है। इस प्रक्रिया में उत्पन्न होने वाली
विभिन्न प्रकार की शारीरिक, मानसिक,
बौद्धिक,
न्युरोलाजिकल
जटिलताएं,
अक्षमताएं लर्निंग या सीखने या अधिगम
प्रक्रिया को बाधित करती हैं। मनोवैज्ञानिक टरमिनालॉजी में
लर्निंग या
सीखने को अधिगम कहते
हैं।
लर्निंग अक्षमता:
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक (एनआईएनडीएस) के अनुसार
-लर्निंग या
अधिगम अक्षमताएँ वे विकार हैं जो मौखिक या लिखित भाषा को
समझने या उसका उपयोग करने,
गणितीय गणनाएँ
करने,
गतिविधियों का समन्वय करने
या ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित करती हैं।
अधिगम अक्षमताएँ बच्चों,
युवाओं और
बुजुर्गों में होती हैं। किन्तु स्कूल जानेवाले बच्चे इससे अधिक प्रभावित होते हैं।
लर्निंग संबंधी विकलांगताएं-
लर्निंग अक्षमता एक न्युरोलाजिकल डिसऑर्डर है जो व्यक्ति की सूचना को ग्रहण करने और
समझने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह व्यक्ति की पढ़ने,
लिखने,
सुनने,
बोलने,
तर्क,
वर्तनी और गणित
हल करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
लर्निंग अक्षमता (अधिगम अक्षमताएँ) बौद्धिक अक्षमताओं के समान
नहीं हैं,
और ये
किसी व्यक्ति की बुद्धि या आईक्यु लेवल को नहीं दर्शाती हैं।
लर्निंग
अक्षमताओं एवं
कमजोरियों
के
कारक
(Causes of Learning Weakness or Disabilities)
1.
डिस्लेक्सिया
डिस्लेक्सिया सबसे बड़ी लर्निंग अक्षमता है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित
करती है।
यह एक वीजुअल डिसऑर्डर है।
डिस्लेक्सिया के लक्षण:
डिस्कैलकुलिया
लर्निंग की वह अक्षमता है जो गणित कौशल को प्रभावित करती है। इससे
बच्चे को गणित की अवधारणाओं को समझना,
अंकगणितीय गणनाएँ
करने(जोड़,
घटाव,
गुणा और भाग) में कठिनाई होती है,
जटिल गणित कौशल (बीजगणित और ज्यामिति) बाधित होता है।
डिस्कैलकुलिया के लक्षण:
3.
डिस्ग्राफिया
डिस्ग्राफ़िया एक लर्निंग अक्षमता है जो व्यक्ति की लिखने व ड्राइंग की क्षमता को
प्रभावित करती है। यह वर्तनी में कठिनाई,
खराब लिखावट, विचारों को
कागज़ पर लिखने में परेशानी के रूप में प्रकट होती है। डिस्ग्राफिया विभिन्न कारकों के कारण हो सकती है,
जिसमें स्नायु संबंधी स्थितियां,
विकासात्मक देरी,
सूक्ष्म मोटर कौशल में कठिनाई शामिल है।
डिस्ग्राफिया के लक्षण:
डिस्प्रैक्सिया स्नायु संबंधी विकार है जो व्यक्ति को गतिविधियों की योजना बनाने और समन्वय करने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह सूक्ष्म मोटर कौशल- लिखना या जूते के फीते बाँधना, स्थूल मोटर कौशल- संतुलन और समन्वय दोनों को प्रभावित करता है। डिस्प्रैक्सिया ज़्यादातर हाथ-आँखों के समन्वय कौशल में बाधा डालता है। यह हर प्रभावित व्यक्ति में अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है, जो संतुलन बिगड़ना और सूक्ष्म-गतिशील कार्यों में कठिनाई उत्पन्न करता है।
डिस्प्रैक्सिया के लक्षण:
5.
अन्य
श्रवण और दृश्य प्रसंस्करण विकार तंत्रिका संबंधी स्थितियाँ हैं जो ध्वनि और दृष्टि से प्राप्त जानकारी को संसाधित करने में कठिनाई पैदा करती हैं। यह मस्तिष्क की चोट, मस्तिष्काघात, या किसी अनुवांशिक विकार के कारण हो सकता है।
श्रवण और दृश्य प्रसंस्करण विकार के लक्षण-
एडीएचडी-
एडीएचडी:
एडीएचडी
या अटेंशन डेफिसिट
हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर एक
तंत्रिका-विकास संबंधी विकार है जो
ध्यान स्थिर करने,
आवेगशीलता को नियंत्रित करने
और अतिसक्रियता के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
डिसलेक्सिया के बाद यह दूसरी सबसे आम लर्निंग अक्षमता है
जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है,
यह
अक्सर बच्चों में होती है।
एडीएचडी के कारण ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है,
जिसके कारण कक्षा में एक बच्चा अपने आस-पास के अन्य बच्चों
का ध्यान भटकाता है। एडीएचडी से ग्रस्त बच्चों में अनियंत्रित दुर्व्यवहार करने और
अनुशासनहीनता की प्रवृत्ति होती है।
लेकिन वे अपने
कार्यों पर नियंत्रण नहीं रख पाते। यदि एडीएचडी का उपचार न किया जाए तो यह व्यक्ति की शैक्षणिक और सामाजिक रूप से
सफल होने की क्षमता में बाधा उत्पन्न कर सकता है,
तथा रिश्तों और रोजगार में चुनौतियां पैदा कर सकता है।
एडीएचडी के लक्षणः
6. कमजोर स्मृति या याददास्त ( Poor Memory):
स्मृति या याददास्त लर्निंग प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण घटक है। किसी भी विषय को सीखने के लिए विषय को बार-बार दुहराते हैं, जिससे हमारी लर्निंग पक्की हो जाती है, स्मृति में आ जाती है। कमजोर स्मृति लर्निंग प्रक्रिया को बाधित करती है। Memory: Three types of memory are important to learning. Working memory, short-term memory and long-term memory, are used in the processing of both verbal and non-verbal information to retain in the brain .
7. अन्य अनुषंगी कारणः IQ Level, Mental and Physical Health, Environment-(Family, School, Social), Motivation and Encouragement.